दो टूक और स्पष्ट
कोरोना वायरस पर चल रही धर्म के आधार पर बहस करना बेतुकी है। अब इससे बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। देश मे कोरोना वायरस की जांच विकसित देश अमेरिका, चीन, इटली और फ्रांस की तुलना में काफी कम हुई है। इसके बावजूद शनिवार को 24 घण्टे में 1035 पीड़ित मिले और 40 लोग काल के गाल में समा गए। एक साथ मरीजों और मौत में बढ़ोत्तरी कोई शुभ संकेत नहीं है। गलती हर स्तर से हुई। इस पर बहस बाद में भी हो सकती है।
देश में अन्य विकसित देशों की तुलना में टेस्टिंग काफी कम हुई। इस वजह से इसके पीड़ित कम ही नजर आते हैं। 22 मार्च तक एक उदाहरण है देश में 17 हजार से अधिक लोगों की जांच हुई, जिसमें 341 लोगों में कोरोना वाइरस पोजिटिव पाया गया। इसके विपरीत विकसित देश अमेरिका में एक लाख चौबीस हजार में 26 हजार पोजिटिव केस सामने आए। भारत में 27 मार्च को 700 कोरोना संक्रमित मिले और 9 लोगों की मौत हो गईं। 28 मार्च को 100 से अधिक संक्रमित लोग मिले और फिर 100 और संक्रमित व्यक्ति मिले। अब देश में कोरोना वाइरस से पीड़ित लोगों की संख्या में जांच बढ़ रही है। इसके बावजूद रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी एक साथ हजार प्रतिदिन दर्शना कईं चुनोतियो से टक्कर दिखा रहा है। 11 अप्रैल को 7529 मामले पोजिटिव मिले। 24 घण्टे में ही 40 पीड़ित काल के गाल में समा गए और 24 घण्टे में 1035 रोगियों का अधिक मिलना मुश्किल पैदा कर रहा है। अभी इतने टेस्ट भी नहीं हुए जो विकसित देशो में हुए। भारत में जिस प्रकार टेस्ट में तेजी आ रही है उससे प्रतीत होता है इस बीमारी के पीड़ितों की संख्या और होगी। राज्य सरकारों लॉक डाउन में और अधिक सतर्कता रखनी होगी। अब बहस से पहले सतर्कता बरतने की चुनौती होगी। कमियां सरकार की भी रहीं और तबलीगी जमाती भी आग में घी का काम कर गए। सरकार विदेशों से देश में आ रहे लाखों लोगों को एयरपोर्ट पर रोककर स्वास्थ्य परीक्षण कराना भी जरूरी था। इस समय कोई भी मामला बहस नहीं । लोगों का भी फर्ज बनता है मस्जिद की जगह घर में नमाज अदा करे और मन्दिर की जगह घर में पूजा अर्चना कर दुनिया में सब कुछ अच्छा रहे उसके लिए दुआ करें।
चीन की करतूत से शुरू हुई कोरोना वायरस से पीड़ित दुनिया के 206 देश हैं। चीन अपनी करतूतों पर पर्दा डाल रहा है। इसके बावजूद चीन में आये दिन पोजिटिव केस प्रकाश में आ रहे हैं।
अमेरिका, इटली और अन्य कई विकसित देश अपने हाथ खड़े कर चुके हैं। इसके बाद भी देश में गंभीरता नहीं बरती जा रही।