गरीब महिला का नाम सुलोचना है और पुलिस कांस्टेबल का नाम एस सैयद अबूताहीर
फेसबुक पर मिली खबर की त्रिची एसपी ने की पुष्टि
राजीव शर्मा। कुछ कोरोना वाइरस की आड़ में धर्म को घसीट रहे हैं। एक हेड कांस्टेबल ने तमिलनाडु के जिला त्रिची में मानवता की मिसाल कायम की है। कुछ फेसबुक पर इस महामारी में भी हिंदू मुस्लिम की रेखा खीच रहे हैं। एक हेड कांस्टेबल ने उसी गरीब महिला को इनाम में त्रिची के एसपी और डीआईजी से मिली पुरुस्कृत 11 हज़ार रुपए उसी गरीब महिला को देकर अनुकरणीय मिसाल पेश की है। फेसबुक पर मिली जानकारी के बाद इस सम्बंध में एसपी जियाउल हक से पूछा तो खबर की पुष्टि हुई।
तमिलनाडु के त्रिचि शहर के एक कस्बे में रहने वाली गरीब परिवार की महिला को प्रसव पीड़ा हुई। महिला का पति सरकारी एम्बुलेंस से उसे लेकर 7 किलोमीटर दूर अस्पताल ले गयाा। अस्पताल में डॉक्टर उसे ऑपरेशन से बच्चा होने की सलाह देते है। कुछ जटिलताओं की वजह से 1 यूनिट खून की आवश्यकता बताते है।
अस्पताल में लॉक डाउन होने की वजह से महिला के ग्रुप का खून उपलब्ध नहीं था । अंततः महिला और उसका पति अपने घर वापस लौटने के लिए निकल पड़ते है ताकि किसी रिश्तेदार को खून देने के लिए बुला सके।
ऐसे माहौल में जब गाड़ियां भी नही मिल रही थीं और यह दंपति हैरान परेशान सड़कों पर भटक रहे थे तभी एक पुलिस कांस्टेबल ने उन्हें आवाज़ देकर उन्हें अपने पास बुलाया ।
उनकी समस्या सुनकर उसने पहले उनके लिए कुछ भोजन का प्रबंध किया और एक टैक्सी का प्रबंध करने में लग गया ।
दंपति से बातों के क्रम में उस पुलिस वाले को उनकी समस्या का पता चला। उसने महिला से उसका ब्लड ग्रुप पूछा।
जानने के बाद वो बोला कि उसका ब्लड ग्रुप भी वही है जो महिला का है, लिहाज़ा वो अपना खून उसे दे देगा ।
इसके बाद वो 23 वर्षीय पुलिस कांस्टेबल उस दंपति को वापस अस्पताल लेकर गया और अपना खून डोनेट किया ।
ऑपरेशन के बाद महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया और जच्चा- बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
त्रिचि के एसपी जियाउलहक ने सारा मामला जानकर उस कांस्टेबल को 1 हज़ार रुपये देकर पुरस्कृत किया। मामला पुुुलिसस DGP के पास गया। डीजीपी ने उस कांस्टेबल को 10 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया ।उस कांस्टेबल ने इनाम के पूरे 11 हजार रुपये उस महिला को दे दिए।
उस महिला का नाम सुलोचना है और पुलिस कांस्टेबल का नाम एस सैयद अबूताहीर ।