लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई खूनी हिंसा से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। दो दिन दौरे पर आये वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने दो दिनों के दौरे पर आये लेह और श्रीनगर के एयरबेस की समीक्षा की। यह दोनों ही एयरबेस हर लिहाज से किसी भी ऑपरेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं। दौरे के साथ ही भारतीय लड़ाकू जेट आगे के हवाई क्षेत्रों में भेजे गए हैं।
चीन के साथ सीमा पर हुए तनाव के बाद वायु सेना ने फाइटर जेट सहित अपनी विभिन्न सामानों को आगे के ठिकानों और हवाई क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया है। तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के अधिकारियों के बीच लगातार बातचीत चल रही है। इसका नतीजा यह आया कि चीन ने भारत के 10 जवानों को कब्जे में लिया था, जहां उन्हें छोड़ दिया गया है।…और अब सेना प्रमुख का बातचीत के बीच लेह और कश्मीर का दौरा अहम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि वह इस दौरे के दौरान भारत के सैन्य ठिकानों का जायजा लेंगे। यही कारण है कि उनके दौरे के साथ ही लड़ाकू विमान भी बॉडर्र के नजदीक एयरबेस पर तैनात किए जा रहे हैं।
पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना के जवानों को हवाई सहायता के लिए, अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टरों को उन क्षेत्रों के करीब के क्षेत्र में तैनात किया गया है, जहां जमीनी सैनिकों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। चिनूक हेलिकॉप्टरों को लेह एयरबेस में और उसके आसपास तेजी से सेना के परिवहन और अंतर-घाटी टुकड़ी हस्तांतरण की क्षमता प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है, अगर ऐसी स्थिति वहां उत्पन्न होती है। Mi-17V5 मध्यम-लिफ्ट हेलिकॉप्टर भी सैनिकों और सामग्री परिवहन के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।